Submitted by Vishal Kumar @rafiology
भैया के हाथों में रेडियो था और कोई गाना बज रहा था। छोटा सा था मैं .. खेल छोड़ भैया के पास आकर थोड़ा आवाज़ बढाने को कहा .. कानों में धुन बजी “मैं गाऊँ तुम सो जाओ ” .. पहली बार भैया से पता चला कोई मोहम्मद रफ़ी है ..
और फिर हर दिन सोने तक रेडियो पे उस गाने का इंतज़ार होता रहा सोनू के कानों को ।।
पाँच खूबसूरत गानों में ये ही वो पहला गाना जो की सुकून से गाया हुआ और सुकून पहुँचाने वाला ।
कल तुम जब आँखें खोलोगे, जब होगा उजियारा
खुशियों का संदेसा लेकर आयेगा समय हरकारा
मत आस के दीप बुझाओ ..
मैं गाऊँ तुम सो जाओ ..
Watch video here: Main gaoon tum so jao
और फिर धीरे धीरे बाकी सुनने वालों की तरह वो आवाज़ मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा बन गयी ।
पापा से ज़िद करके एक वॉकमेन खरीद कर लाया और रफ़ी साहब के गानों की एक सूची बनायी रिकॉर्ड करवाने को । उस सूची का दूसरा गाना जब भी ज़बान पर आता है दोस्ती की याद दिला जाता है ।
देख मुझे सब है पता
सुनता है तू मन की सदा
मितवा ,मेरे यार , तुझको बार बार आवाज़ मैं ना दूँगा
Watch video here: Chahoonga mai tujhe saanjh savere
इस गाने का जादू ही था जो 1964 से अब तक सांझ सवेरे कहीं ना कहीं बजता जरूर मिलेगा ।
उन्हें इस गाने के लिए Best Playback singer का Filmfare पुरस्कार भी मिला ।
नौशाद साहब ने एक बार रफ़ी साहब के लिए कहा था – तू ही है प्यार का साज़ इस नफरत की दुनिया में .. अरे गनीमत है तेरी आवाज़ इस नफरत की दुनिया में .. और यह तीसरा गाना इस ख़ूबसूरती से गाया हुआ है जो नौशाद साहब की बात को रफी साहब की आवाज़ से जोड़ता है ।
मन रे तू काहे ना धीर धरे ,
वो निर्मोही मोह ना जाने ,जिनका मोह करे
Watch video here: Mann re tu kaahe na dheer dhare
मैं बड़ा होता गया और रफ़ी साहब की आवाज़ मेरी ज़िन्दगी के साथ साथ मीठी और गहरी होती गयी । उनका एक गाना जो इस बात का सबूत देता है की वो हर संगीत सुनने वालों की ज़िन्दगी में शामिल है
वादियाँ मेरा दामन, रास्तें मेरी बाहें
जाओ मेरे सिवा, तुम कहाँ जाओगे
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जितनी खूबसूरत रफ़ी साहब की आवाज़ है उससे ज्यादा खूबसूरत उनका चरित्र था । वो सादगी जो शायद ही किसी गायक ने पाया हो । वो अपनी आवाज़ से अमर है और हम उनकी आवाज़ से जीवित ।
ये आखिरी गाना मेरे दिल के बेहद करीब है और अगर आपने नहीं सुना तो सुनने की कोशिश ज़रूर करें ।
कहीं बेख़याल होकर, यूँ ही छू लिया किसी ने
कई ख़्वाब देख डाले, यहाँ मेरी बेख़ुदी ने
Watch video here: Kahin be khayaal hokar
अपनी मौसिकी पर तो सबको नाज़ होता है । पर रफ़ी साहब, मौसिकी को आप पर नाज़ है ।
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