जोड़ी नंबर 4 : Siddhant & Kush
कहानी : पिंक डेट
- “सिर्फ गुलाब लेने हो तो कुछ कम करोगे?”
- “साहब ये गुलाब के ही पैसे है, कांटे तो कॉंप्लिमेंट्री है !!”
बेचारा गुलाब भी समझ गया की बन्दा गुजराती है |
जिग्नेश पटेल उर्फ जिग्गु जी के कपड़ो से ये समझना मुश्किल था की वो बिजनेस डील पर जा रहे है या डेट पर?
अपनी ऑल्टो कार से साइकिल वालों को कॉम्पिटिशन देते देते वो पिंकी जी के घर पहुँच गए|
जिग्गु जी में एक अद्भुत हुनर था, वो 90 सेकण्ड तक अपनी तोंद को अंदर खिंच कर फिट दिखने की एक्टिंग कर सकते थे!
पिंकी जी के आते ही उन्होंने अपना हुनर पेश किया और पिंकी जी को फूल थमा दिया|
गली के दोनों और बैठी आंटी लोग ने अपनी गर्दन 90 डिग्री घुमा ली और अपनी अपनी बूढ़ी लेन्स को ज़ूम कर दिया।
जिग्गु जी ने मन ही मन अपने दोनों हाथ ऊपर करके सरेंडर कर दिए|
इसी के साथ पिंकी जी और जिग्गु जी की गाड़ी भी चल पड़ी|
- “पिंकी जी आप कुछ बोल नहीं…..”
जिग्गु जी पुरा बोल पाते इससे पहले ही एक बाइक वाला उसकी ऑल्टो को छेड़ते हुए आगे निकल गया|
- “अबे ओ सूअर, घरवालों को मना करके आया है क्या ‘बी सी” .. ??” पिंकी गुर्राई..
जिग्गु जी की आँखों का डायमीटर पुरे ५ मिलीमीटर बढ़ गया|
- “पिंकी जी, बी सी क्या मतलब ?”
- “जिग्गु जी, वो ऐ सी का एडवांस वर्ज़न है जिससे मन को बड़ी ठंडक मिलती है !!”
जिग्गु जी जिसको मीडियम पेसर समझते थे वो तो शोएब अख्तर निकला…..क्लीन बोल्ड !!!
दोनों कैफे पहुँचे… कार का सेंट्रल लाक लगाने के बाद जिग्गु जी ने चारो दरवाजो को तीन बार जाँच लिया |
जिग्गु जी और पिंकी जी कोने के टेबल पे बैठे थे, पिंकी जी रिलेक्स थे और जिग्गु जी इंटरव्यू मोड़ में !!
- “जिग्गु जी क्या लोगे ?!”
- “मेनु कार्ड मिलेगा “
गुजराती जुबाँ रुक न पाई |
- “एक्सक्यूस मी, मेरे लिए एक कोल्ड काफ़ी और इनके लिए एक मेनु कार्ड !!!”
- “मेरे लिए भी वही.. कोल्ड काफ़ी ..”
- पिंकी जी, आपका फेवरेट कलर पिंक है क्या ?” जिग्गु जी, बात पलटते हुए बोले ..
- “बिलकुल नहीं .. मैं बाकी लड़कियों की तरह नहीं हूँ “
- “हाँ वो तो पता है .. पिंकी जी ”
*भला मोरी रामा, भला कारी रामा…. भाई भाई !!!* जिग्गु जी की रिंगटोन ने कैफेटेरिया को गरबा ग्राउंड बना दिया |
पिंकी जी का चहेरा देख के जिग्गु जी समझ गए की पिंकी जी का फेवरेट कलर “रेड” है !!!
बस फिर थोड़ी देर और इधर उधर की बातें हुई और दोनों वापिस आल्टो कार में आ बैठे .. पिंकी जी को शायद कुछ देखा ..
- “जिग्गु जी, वो देखिये वहाँ… कोई दुपट्टा पेड़ के पीछे कहीं अटक गया है! शायद किसी का शर्ट भी दुपट्टे के साथ फँसा है…”
- “हा हा हा … पिंकी जी, वहां कुछ फँसा नहीं… दरअसल एक जोड़ा है जो शायद बात कर रहे हैं|”
- “आप भी जिग्गु जी …..लोग सु-सु तो खुले आम कर लेते हैं और बात के लिए पेड़ के पीछे चले गए! हा हा हा…”
- “पिंकी जी, वो क्या है ना… वो बातों के साथ कुछ पर्सनल वक्त भी गुजारना चाहते होंगे शायद|”
- “जिग्गु जी, तो उसे बात करना थोड़े ही कहते हैं…. हा हा हा… आप भी ना 🙂
जिग्गु जी ज़रा शरमा से गए .. और पिंकी जी हंसती रहीं
- “लीजिए, आपका घर आ गया|”
- “जिग्गु जी… वैसे एक बात पूछें? आपकी गर्लफ्रेंड का नाम रूपा था क्या?”
- “जी नहीं, बिलकुल नहीं .. क्यूं?”
- “वो इसलिए कि जबसे आप मिले हैं, वो आपकी शर्ट के बटन के खुले होने का फायदा उठा के… बाहर झाँक रही है| इसकी भी 1985 की पैदाइश लगती है… हा हा हा 🙂
पिंकी जी हंसती रहीं और जिग्गु जी ज़रा शरमा से गए ..
– “जिग्गु जी हमारा फेवरेट कलर पिंक तो नहीं लेकिन आपका जरूर लगता है.. मिस्टर पिंक चीक्स .. वैसे पिंक कलर बुरा नहीं है ..”
Penned by Writer Duo:
Siddhant @Siddhant01
&
Kush Vaghasiya @kush052
बहुत खूब …..मज़ा , bc😊
Badiya tarike samjhaya gya ek scene lagta hai … acchi koshish behtareen
Best one.
Awesome story 🙂
Jagrati
Thank you, May EKESES mein phir aapka intezaar rahega.
– AS Team