एक बहुत ही सुन्दर और दिल लुभावनी फ्री स्टाइल कविता .. वो नया नया सा .. अद्भुत अनोखा एहसास को फिर से मन में पिरोती हुई कविता .. परिपक्व लेखन और मासूमियत बरकरार .. ये मिश्रण अनूठा है ..
अनुराधा
Title – लिखना है तुम्हें
Written By : Shikha Saxena @shikhasaxena 191
वो कोई भी हो सकता है जिससे कभी आप मिले न हो लेकिन उसका एहसास आपको खुश रखता है कोई दोस्त कोई सेलिब्रिटी कोई लेखक कोई भी ..
वो कोई भी हो सकता है जिससे कभी आप मिले न हो लेकिन उसका एहसास आपको खुश रखता है कोई दोस्त कोई सेलिब्रिटी कोई लेखक कोई भी ..

एक बार लिखना है तुम्हें..पन्नो पर …
अनदेखे-अनजाने ही सही तुम
तो क्या हुआ ..
जो मिले नही कभी हम
यूँ लगता है ..हर पल साथ है तुम्हारा
सुना नही मैंने कभी तुम्हे
पर कानों में तुम कुछ कह कर चले जाते हो अक्सर
और मैं हँस पड़ती हूँ खिलखिलाकर …
पास नही हो मेरे तुम
पर दुनिया जाने क्यों लगने लगी है रोशन …
हर चीज अच्छी लगने लगी है
बेवजह की बातें भी अब प्यारी लगने लगी हैं …
अनदेखे-अनजाने ही सही तुम
तो क्या हुआ ..
जो मिले नही कभी हम
यूँ लगता है ..हर पल साथ है तुम्हारा
सुना नही मैंने कभी तुम्हे
पर कानों में तुम कुछ कह कर चले जाते हो अक्सर
और मैं हँस पड़ती हूँ खिलखिलाकर …
पास नही हो मेरे तुम
पर दुनिया जाने क्यों लगने लगी है रोशन …
हर चीज अच्छी लगने लगी है
बेवजह की बातें भी अब प्यारी लगने लगी हैं …
कोई ख्वाहिश भी नही है कि मिलें हम
सिर्फ इस एक एहसास को जीना चाहती हूँ…
बस पन्नों पर तुम्हे छूना चाहती हूँ…
सिर्फ इस एक एहसास को जीना चाहती हूँ…
बस पन्नों पर तुम्हे छूना चाहती हूँ…
बस पन्नों पर तुम्हें छूना चाहती हूँ। दिल से लिखा है
मीन मेख निकालना बेकार है आनन्द लें बस।
लिखते रहें
बहुत-बहुत शुक्रिया …
और आपके इन हौसला बढ़ाने वाले शब्दों के लिए दिल से आभारी हूँ …
आपके शब्द हमेशा ही प्रेरणा देने और आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करते हैं
Shikha has masterd herself to put feeling in words in a way to express that looks like a rythem in a flow simply as a rever flows smoothly.
Thank you so much 🙂
एक मुस्कुराहट खिल उठी थी आखरी लाइन खत्म होने तक, खुबसूरत 🙂
Thanks a lot 🙂