“कहाँ कैसे है” से अगर आप का औचित्य मुझे है तो आदरणीय शिरीश जी मैं आजकल गल्फ में हूँ। अल्लाह का करम है और आप की दुआ से खुश हूँ। आप की पारखी नज़र की कद्र करता हूँ । इंशाल्लाह अगली बार भी आप के आशीर्वाद से एक नई कहानी और व्यंग्य के साथ फिर आप से रूबरू हूँगा। आप के स्नेह और प्रेम के लिए शुक्रिया। खुश रहिये।
प्रिय अनुराधा जी आदाब ! आप का बहुत आभारी हूं। कि आप ने मुझे रौशनी में रोशन होने के लायक समझा। गठरी भर प्यार और असीम सम्मान मेरी तरफ से आप लिए। खुश रहिये स्वस्थ रहिये।
Kya baat bahut hi badhiya kahani aur bayaan karne ka andaaz toh aur badhiya
बहुत बहुत शुक्रिया
काश न्यूज़ चैनल वाले भी ख़बरें ऐसे ही खूबसूरत ढंग से पेश करते तो शायद मुझे पॉलिटिक्स कुछ कुछ समझ आजाती । दिन बना दिया आपने
आपकी टिप्पणी ने मेरी मेहनत को सफल कर दिया बहुत शुक्रिया । आप की टिप्पणी हमेशा मुझे बहुत उत्साहित करती है खुश रहिये,
सच में मज़ा आ गया पढ़कर
बहुत शुक्रिया करम आप ने पसन्द किया आभारी हु।
कहा कैसे है उसका मुरीद हो गया हूँ। हास्य व्यंग्य के क्षेत्र में असीम संभावना है ।
“कहाँ कैसे है” से अगर आप का औचित्य मुझे है तो आदरणीय शिरीश जी मैं आजकल गल्फ में हूँ। अल्लाह का करम है और आप की दुआ से खुश हूँ। आप की पारखी नज़र की कद्र करता हूँ । इंशाल्लाह अगली बार भी आप के आशीर्वाद से एक नई कहानी और व्यंग्य के साथ फिर आप से रूबरू हूँगा। आप के स्नेह और प्रेम के लिए शुक्रिया। खुश रहिये।
प्रिय अनुराधा जी आदाब ! आप का बहुत आभारी हूं। कि आप ने मुझे रौशनी में रोशन होने के लायक समझा। गठरी भर प्यार और असीम सम्मान मेरी तरफ से आप लिए। खुश रहिये स्वस्थ रहिये।