उज्जवल की कवितायें प्रेम व शृंगार रस का अनोखा मेल हैं! इनकी कविताओं की शोख़ी, उनकी मदमस्त अदाओं में लिपटे हुए शब्द पढ़ने वाले को काफ़ी समय तक मंत्रमुग्ध रखते हैं! बहुत ख़ूब उज्जवल, आपकी कवितायें पढ़ना वाक़ई बहुत अच्छा लगता है।
शिशिर जी, आपकी भाषा व शैली के तो हम सब वैसे ही क़ायल हैं, आपके लिए जितना बोलें उतना कम है। बहुत ही सटीक व उपयुक्त intro।
दोनों को बहुत सारी बधाई, साथ ही AS को बधाई ऐसे अनुपम नगीनों को ढूँढ कर एक जगह इकट्ठा करने के लिए।
उज्जवला जी निशब्द कर दिया आप की कविताओं ने। बहुत ही सधी हुई भाषा, शानदार उपमा, संवेदना का एक अलग ही स्तर है। आपकी कविताओं में क्या कहूँ क्या ना कहूँ। सही बोलूँ तो अभी तक आजसिरहाने में मैंने आप से सुंदर कविताएं नही पढ़ी। आप की रचना में देह और मन की सुन्दर कल्पनाओं का रस घुला हुआ है। जो पढ़ने वालों को सारोबर कर देता है। शिशिर सर ने परिचय से चार चांद लगा दिए।
आप सभी का हमें पढ़ने और सराहने के लिये शुक्रिया दोस्तों ।वैसे इस तारीफ के असली हकदार अनु जी ,इंदर जी और शिशिर जी है जिनके सहयोग से ये सब इतना मोहक बन पड़ा है और आजसिरहाने का मंच जिसने हमें ये मौका दिया।आभार सभी का दिल से और ये मंच उत्तरोत्तर तरक्की करे यही दुआ है ।
मनोहारी कविताएँ, निर्भीक प्रस्तुतीकरण व एक लय का सा अनुभव । उज्ज्वल जी को हार्दिक बधाई व इन रचनाओं को साझा करने के लिये धन्यवाद !
शिशिर जी का परिचय कविताओं के भाव का स्पष्ट व्याख्यान है ।
बेहद खूबसूरत वर्णन भावों का। उज्ज्वल बहुत ही सुन्दर कवितायें।
शिशिर द्वारा दिया गया परिचय कितना उपयुक्त है।
दोनों को बधाई
उज्जवल की कवितायें प्रेम व शृंगार रस का अनोखा मेल हैं! इनकी कविताओं की शोख़ी, उनकी मदमस्त अदाओं में लिपटे हुए शब्द पढ़ने वाले को काफ़ी समय तक मंत्रमुग्ध रखते हैं! बहुत ख़ूब उज्जवल, आपकी कवितायें पढ़ना वाक़ई बहुत अच्छा लगता है।
शिशिर जी, आपकी भाषा व शैली के तो हम सब वैसे ही क़ायल हैं, आपके लिए जितना बोलें उतना कम है। बहुत ही सटीक व उपयुक्त intro।
दोनों को बहुत सारी बधाई, साथ ही AS को बधाई ऐसे अनुपम नगीनों को ढूँढ कर एक जगह इकट्ठा करने के लिए।
उज्जवला जी निशब्द कर दिया आप की कविताओं ने। बहुत ही सधी हुई भाषा, शानदार उपमा, संवेदना का एक अलग ही स्तर है। आपकी कविताओं में क्या कहूँ क्या ना कहूँ। सही बोलूँ तो अभी तक आजसिरहाने में मैंने आप से सुंदर कविताएं नही पढ़ी। आप की रचना में देह और मन की सुन्दर कल्पनाओं का रस घुला हुआ है। जो पढ़ने वालों को सारोबर कर देता है। शिशिर सर ने परिचय से चार चांद लगा दिए।
प्रेम का उदात्त चित्रांकन करती हैं ये कविताएँ ,उज्जवल जी को शुभकामनाएँ
बहुत खूबसूरत …ऐसा सिर्फ आप ही लिख सकती हैं उज्ज्वल ..और परिचय ने चार चाँद लगा दिए हैं
वाह उज्जवल जी बहुत जबरदस्त और लयपूर्ण निर्भीक लेखन साथ ही शिशिर जी का प्रस्तावना ने चार चाँद लगा दिए
आप सभी का हमें पढ़ने और सराहने के लिये शुक्रिया दोस्तों ।वैसे इस तारीफ के असली हकदार अनु जी ,इंदर जी और शिशिर जी है जिनके सहयोग से ये सब इतना मोहक बन पड़ा है और आजसिरहाने का मंच जिसने हमें ये मौका दिया।आभार सभी का दिल से और ये मंच उत्तरोत्तर तरक्की करे यही दुआ है ।