स्वलेख : जुलाई 16, 2017
मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल
विषय : आशियाना
चयनित रचनाएं
1.
Joy Banerji @JoyBanny19
मतला मावरा की छत को थामे
मिसरे की दीवारें
काफ़िये की खिड़की पे
रदीफ़ के पर्दे
नज़्मों, ग़ज़लों के
गलीचे,
मक़्ते की सांकल
और
तरन्नुम के कंगूरे,
कुछ ऐसा आशियाँ
सोचा है
तुम्हारे लिए
2.
Nilabh @nilabh79
गाँव की कब्र पे
खड़े मकबरे को
इक नाम
दिया
“शहर”।
उसके कोनों में
बस गये
चलने फिरने वाले
जानवर।
उन कोनों को भी नाम मिला
“आशियाना”।